बैंक में मिली भाभी को खेतों में चोदा

दोस्तो, मैं अपना नाम व अन्य परिचय आपको नहीं बता सकता.

Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

मैं बस इतना बताना चाहूंगा कि यह मेरी सच्ची सेक्स कहानी है.

यह भाभी की खेत में चुदाई कहानी उन दिनों की है जब मैं एक बैंक में एक खाता खुलवाने गया था.

वहां पर एक महिला ग्राहक बैठी थी.

उसका नाम गुलिस्तां था.

उसने पूरी सर और गर्दन पर दुपट्टा लपेटा हुआ था, केवल चेहरा ही दिख रहा था.

मैंने उसे देखा, वह एक गदरायी सी हॉट भाभी थी.

उसका साइज 34-30-36 का था. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna Story

उसके दूध देख कर तो किसी के भी लंड का पानी ऐसे ही निकल जाएगा.

उस भाभी की पतली सी कमर और उसकी चूचियों का उभार मुझे पागल सा कर रहा था.

मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा था.

मैं वहां खड़ा होकर अपना रुपए निकालने वाला फॉर्म भर रहा था.

थोड़ी ही देर बाद वह पीछे से आ गई और उसने मुझसे कहा- क्या मेरा भी फॉर्म भर देंगे?

मैं वासना से कसमसा उठा और चुदास भरी भाषा में उनसे कहने लगा- अरे आप जो बोलिए, मैं वह भर दूंगा.

वह भी शायद चालू माल थी, तो उसने मुझसे इतराते हुए कहा- पहले फॉर्म भर दीजिए. बाकी की चीजें तो मैं बाद में भरवा लूंगी.

कंटीली मुस्कान देती हुई भाभी मेरी तरफ देखने लगी.

मैंने जल्दी से उसका नाम रकम आदि पूछी और फॉर्म भर कर उसको पकड़ा दिया.

वह मुस्कुरा कर थैंक्यू बोल कर आगे बढ़ गई और पैसा निकालने जाने लगी.

मैं अपना काम बीच में ही छोड़ कर मेन गेट पर खड़ा हो गया और भाभी के आने का इंतजार करने लगा.

वह बाहर निकलने के लिए गेट पर आई और मुझे देख कर फिर से मुस्कुराई. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

उसकी मुस्कुराहट से मेरे अन्दर थोड़ी हिम्मत आ गई. मैंने देरी ना करते हुए इशारों में उससे पूछा कि क्या आपका मोबाइल नंबर मिलेगा?

उसने हां में सर हिलाया, तो मैंने अपना मोबाइल भाभी को पकड़ा दिया.

उसने शर्माती हुई नजरों से मुझे देखा और मेरे फोन में अपना नंबर डायल कर दिया.

इसके बाद वह अपनी गांड मटकाती हुई आगे बढ़ गई.

मैं भी वापस बैंक में अपना काम निपटाने लगा और घर आ गया.

उस रात उस भाभी को याद करके चार-पांच बार अपने लौड़े को हिलाया.

उस रात मेरा लौड़ा पूरा सूज गया था. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

उसके बाद उसी रात को उसे मैंने कॉल किया तो उसने फोन उठाया.

मैंने उससे पूछा- आपके साथ कौन-कौन रहता है?

वे बोली- मैं और मेरे बच्चे रहते हैं.

मैंने पूछा- और आपके शौहर?

वह बोली- वे तो बाहर रहते हैं. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

मैं अभी कुछ कहता इससे पहले वह फिर से बोलने लगी कि शौहर को क्यों पूछ रहे हो?

मैंने कहा- नहीं, मैं तो वैसे ही कह रहा था कि यदि कोई दिक्कत है, तो वह कमी मैं पूरी कर देता.

उसने हंस कर धत्त कहा और फोन काट दिया.

उस रात के बाद हमारी रोज बातें होने लगीं. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

हम दोनों खुलते चले गए और अब हमारे बीच कुछ नंगी व सेक्सी बातें भी होने लगीं.

हमारे बीच आप वाले सम्बोधन बंद हो गए और तू तेरा वाले सबंध हो गए.

दोस्तो, इधर मैं आपको एक बात बताना चाहता हूँ कि जब मैं उससे बातें करने लगा था तो मुझे पता चला कि वह मेरे गांव से मात्र आधा किलोमीटर दूर के एक गांव की ही है. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

एक दिन मैंने हिम्मत करके पूछ लिया कि तुम क्या मुझसे सेक्स करना चाहती हो?

पहले तो उसने कुछ नहीं बोला.

फिर थोड़ी देर बाद बोली कि क्या यह सही रहेगा! Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

मैं बोला- हां क्यों नहीं … जैसी पेट की भूख होने पर इंसान खाना खाता है, उसी तरह से यह जिस्म की भूख होती है.

जब मैंने यह कहा तो वह फट से चुदवाने के लिए तैयार हो गई क्योंकि उसे भी अब जिंदगी का मजा लेना था.

वह बोली- लेकिन हम दोनों मिलेंगे किधर? Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

पहले तो मैंने कहा- तुम्हारे घर पर मैं एक दूर का रिश्तेदार बन कर आ जाता हूँ और रात को वहीं रुक जाऊंगा.

उसने मना किया- नहीं, यह सही नहीं रहेगा.

यही सब बातें होने लगीं.

तो मैंने कहा- चलो अब मैं देखता हूँ कि कहां मिलना हो सकता है. अब फोन रख रहा हूँ.

इस पर वह बोली- क्यों इतनी जल्दी क्या है? Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

मैंने समझ लिया कि अब यह गर्म हो रही है और मेरे साथ सेक्सी बात करना चाहती है.

तो मैंने कहा- जल्दी कुछ नहीं है. बस जरा मामला गर्म हो गया है, तो ठंडक लेने जा रहा हूँ.

वह समझ नहीं पाई कि मैं क्या कहना चाहता हूँ.

वह बोली- मतलब?

मैंने सीधे सीधे कह दिया कि मेरा लंड खड़ा हो गया है और उसे बिठाने का जी कर रहा है.

अब वह हंस पड़ी और बोली- अच्छा हिलाने जा रहे हो? Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

मैंने कहा- हां अब तुमसे कहूँगा कि तुम हिला दो, तो तुम मना कर दोगी.

वह बोली- मैं क्या फोन में से हाथ डाल कर हिला दूँ?

मैंने कहा- फोन में से हाथ तो नहीं डाल सकती हो, पर मुँह से कुछ कह तो सकती हो?

वह बोली- हां वह तो मैं खूब आसानी से कह सकती हूँ … बोलो क्या कहना है?

मैंने उससे पूछा कि अच्छा बताओ कि अभी क्या पहनी हो?

वह बोली- एक गाउन पहनी हूँ.

मैंने कहा- और उसके अन्दर?

वह हंस कर बोली- उसके अन्दर कुछ नहीं पहना है.

मैंने कहा- तो उसको भी उतार दो.

वह बोली- यार, बच्चे बाजू में सो रहे हैं.

मैंने कहा- हां तो उन्हें सोने दो. तुम बस कह दो कि नंगी हो गई हूँ. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

वह समझ गई कि फोन सेक्स करना है. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

वह आह ऊंह करती हुई और मादक आवाज में बोली- आह … लो जी मैं पूरी नंगी हो गई हूँ … अब दबा लो तुम मेरे दोनों आम!

मैंने कहा- आह तुम्हारे आम तो बड़े रसीले हैं.

वह बोली- हां और अभी इनमें से रस भी आता है. तुमको दूध पीना है?

मैंने कहा- हां पिलाओ! Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

वह मुझे दूध पिलाने लगी और उसके बाद हम दोनों ने चूत लंड की बातें करना शुरू कर दीं.

कुछ ही समय मैं वह शायद झड़ गई और हांफने लगी.

मेरे पूछने पर उसने बताया कि उसकी चूत से रस निकल गया.

इतनी जल्दी पानी निकलने का अर्थ यह था कि वह भरी बैठी थी और मेरे उकसाने पर वह रुक न सकी और झड़ गई.

उस रात हमारे बीच सेक्स संबंध बन गए थे, भले ही फोन सेक्स हुआ था.

अगले दिन सुबह उठते ही हम दोनों में फिर से बात होने लगी और जल्दी ही मिलने के लिए बात होने लगी.

मैंने उससे पूछा- तुम क्या पहन कर मिलने आओगी?

वह बोली कि मैं तो सब कुछ पहनती हूं सूट, साड़ी, पजामी कुर्ता, जींस!

मैंने कहा कि नहीं तुम सलवार सूट में आना.

दोस्तो मुझे महिलाएं साड़ी में ही पसंद आती हैं लेकिन उस दिन मुझे वह सलवार सूट में चाहिए थी क्योंकि हम दोनों किसी सुनसान खेत में मिलने वाले थे तो साड़ी में दिक्कत हो सकती थी.

हालांकि साड़ी में कपड़े उतारने की जरूरत भी नहीं होती है, सीधे उठाओ और लंड पेला जा सकता है.

कुछ देर के बाद हम दोनों का खेत में फसल के बीच छिप कर मिलने का प्लान बन गया.

हमारे बीच शनिवार का दिन मिलन का दिन तय हुआ था.

उस दिन वह नारंगी सलवार सूट पहन कर आई थी.

मेरे कहे अनुसार उसने अपने कपड़ों के नीचे काली ब्रा और काली पैंटी पहनी हुई थी.

मैं तो उसे देखकर ही पागल सा हो गया था. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

न जाने क्यों मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि उसे अपनी बांहों में भर लूं.

वह मेरी तरफ मादक निगाहों से देखने लगी.

उसने सर के इशारे से पूछा भी कि क्या हुआ?

पर मैं उससे कुछ कहता या उसकी तरफ बढ़ कर कुछ करता कि उसने ही पहल करते हुए कदम बढ़ा दिए.

वह मेरे नजदीक आई और अपनी बांहों में मुझे जकड़ लिया.

अगले ही पल मेरे होंठों पर उसने अपने होंठ लगा दिए.

शायद उसे भी मेरा लंड अपनी चूत में लेने का बहुत बेसब्री से इंतजार था.

दोस्तो क्या बताऊं, उसका जिस्म इतना गर्म था, जैसे कोई तप्त भट्टी हो.

उसके बाद मैंने भी उसे पकड़ा और धीरे-धीरे उसके कंधों को, गालों को किस करते हुए उसके बदन के साथ खेलने लगा.

मैंने पहले उसकी सलवार का नाड़ा ढीला किया तो वह पैरों से नीचे सरक कर उसके घुटनों पर अटक गई.

वह अपनी टांगों को हिला डुला कर अपनी सलवार से निजात पाने की कोशिश करने लगी और जल्द ही उसने अपनी सलवार को पैरों से बाहर निकाल दिया. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

इस दौरान उसके होंठ मेरे होंठों से मिले रहे और हम दोनों एक दूसरे की जीभ को चूसने लगे थे.

अब मैंने अपने एक हाथ को नीचे किया और उसकी जांघों को सहलाने लगा.

आह … बड़ी ही चिकनी जांघें थीं उसकी!

फिर धीरे-धीरे उसकी जांघ को सहलाते हुए मैंने अपना हाथ चूत पर रख दिया.

वह गनगना उठी और उसकी कमर ने थिरका कर अपनी चूत को मेरे हाथ से खुद को दूर करने की कोशिश की.

ऊपर से हम दोनों ने एक दूसरे को जकड़ा हुआ था तो वह मुझसे अलग न हो सकी.

मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

मैं आपको बता नहीं सकता कि वह क्या अहसास था.

उसकी पैंटी में हाथ डालते ही पूरा मेरा हाथ पानी पानी हो गया.

ऐसा लगा कि मैंने शीरा के बर्तन में हाथ डाल दिया हो. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

वह बहुत ही ज्यादा चुदासी थी और मेरा सानिध्य पाते ही बह गई थी.

मैंने हाथ निकाला और उसकी जांघ पर मल दिया. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

वह मेरे होंठों से मुँह हटा कर हंस दी और बोली- अरे हाथ तो पूरा गीला हो गया है!

मैंने कहा- हां तुम्हारा शीरा निकल गया है. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

वह हंसने लगी.

उसने पास में रखे अपने बैग से रूमाल निकाला और मुझे दे दिया.

मैं अपने हाथ पौंछने लगा. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

तब तक उसने अपना कुर्ता भी उतार दिया और अपनी सलवार उठा कर उसी के साथ एक तरफ रख दिया.

वह अब ब्रा पैंटी में थी और बड़ी ही कमनीय लग रही थी. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

मैंने उसे वापस अपनी बांहों में ले लिया और उसकी चूचियों को पकड़ लिया.

साथ ही मैंने दूसरे हाथ की एक उंगली उसकी चूत में डाल दी. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

उसकी चूत एकदम गर्म लावा से भरी हुई भट्टी थी.

उसकी झड़ी हुई चूत का पूरा पानी मेरे हाथों में लगता जा रहा था.

मैंने अपनी उंगली चूत से बाहर निकाली और उसके मुँह में दे दी.

शायद उसे भी इस तरह का सेक्स करना बहुत पसंद था. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

उसने मेरी उंगलियों को चाट लिया.

मैंने उसको धीरे से वहीं जमीन पर बिठा दिया. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

चूंकि हम दोनों एक खेतों में मिले थे और उस वक्त खड़ी फसल के बीच में थे, तो किसी को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था.

दो खेतों के बीच मेड़ पर मैं भाभी की खेत में चुदाई का मजा ले रहा था. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

मैंने उसे मेड़ पर बिठा दिया और अपना लौड़ा निकाल कर उसके मुँह में डाल दिया.

वह मेरे लौड़े को खूब बढ़िया से चूस रही थी. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

लंड चूसते चूसते वह मेरे टट्टों को भी चूसने लगी.

उसकी कामुक आवाजें मेरे कानों में नशा घोल रही थीं. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

कुछ ही देर बाद वह पुनः चुदासी हो गई थी और उसकी चूत लंड लंड करने लगी थी.

शायद उससे अब और ज्यादा रुकना बर्दाश्त नहीं हो रहा था.

वह लंड को अपने मुँह से निकाल कर खड़ी हो गई और मेरी तरफ पीठ करके हो गई.

फिर धीरे से नीचे झुककर वह मेरे लौड़े को पकड़ कर वह अपनी चूत पर सैट करने लगी. Bank Mei Mili Bhabhi Ko Kheto Mei Choda – Antarvasna

मैंने भी जगह की असुविधा को देख कर उसे सही से कुतिया बनाते हुए झुका दिया और धीरे से अपना लौड़ा उसकी चूत में पेल दिया.

मेरे गर्म लंड का अहसास पाते ही उसकी चूत में पानी छोड़ना शुरू कर दिया.

लंड अन्दर बाहर होने लगा और मैं उसकी चूचियां पकड़ कर उसकी चुदाई करने लगा.

अब वह भी धीरे-धीरे मुझसे मजा लेने लगी.

उसकी कामुक आवाजें मेरे जोश को बढ़ाने लगीं तो मैंने अपनी स्पीड को धीरे-धीरे बढ़ाना शुरू कर दिया.

वह कुछ तेज स्वर में आवाजें निकालने लगी और उसकी कमर मेरे लंड को धक्का देने लगी.

मैंने उसकी चूचियां छोड़ कर कमर को पकड़ा और मेरे लौड़े ने भी सटासट करना शुरू कर दिया.

उसकी चूत का पानी निकलने लगा और लंड मानो कीचड़ में फच्च फच्च करने लगा.

चूत से रस टपक कर जांघों से होते हुए नीचे बह रहा था.

वह काफी तेज आवाज निकाल रही थी तो मैंने एक हाथ आगे बढ़ाया और उसका मुँह बंद कर लिया.

मैं उसे चोदते चोदते बोला- चुप रहो यार … खुले में किसी ने आवाज सुन ली तो आठ दस मर्द आ जाएंगे और तुम्हारी चूत का भोसड़ा बनने में देर नहीं लगेगी.

वह बंद मुँह से हंसने लगी.

मैं उसको पकड़े रहा और धकापेल करता रहा.

जल्द ही वह पुनः गर्म हो गई थी और बहुत ही ज्यादा उतावली हो गई थी.

अब तो वह मुझे खींच खींच कर कुत्ते जैसा सेक्स करवा रही थी.

करीब दस मिनट और चुदाई के बाद अब मेरा बीज निकलने वाला था.

मैंने उसकी चूत से लंड बाहर खींचा और उसको पलटने के नजरिए से उसकी गांड पर थपकी दी.

वह घूम गई और मैंने उसके मुँह में अपना लौड़ा डाल दिया.

उसी वक्त मेरा बीज निकलने लगा और उसके मुँह में जाने लगा.

उसने मुँह में से लंड निकालना चाहा मगर मैंने उसके बाल पकड़े हुए थे तो वह मेरे वीर्य को पीने पर मजबूर हो गई.

अब हम दोनों फ्री हो गए थे.

वह मेरे रस को चाटते हुए कह रही थी- तुम्हारा रस तो बड़ा मस्त है. मैं तो समझी थी कि बदबूदार होगा!

मैं हंस दिया.

वह बोली- अब तुम मुझे कभी भी चोद सकते हो.

मैंने कहा- ठीक है. मैं तुमको हमेशा चोदूंगा.

उसके बाद उसने कुछ देर बाद मेरे लौड़े को फिर से चूसा और लंड खड़ा करवा कर दुबारा से चुदी.

दूसरी बार में भी उसने लंड का पूरा रस अपने मुँह में ले लिया.

चुदाई के बाद मैंने अपनी पैंट पहन ली और वह भी अपने कपड़े पहन कर मुझसे गले मिली.

हम दोनों अपने अपने घर चले गए.

उसके बाद भी हमारा कई बार मिलन हुआ था.

मैं उसे बाइक पर लेकर गया था और दूसरी जगह खेतों में ले जाकर चोदा था.

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